shani dev aarti lyrics in hindi | आरती श्री शनिदेव की हिंदी | jai jai shri shani dev aarti lyrics

जय श्री शनि देव 

आरती श्री शनिदेव की हिंदी में shani aarti lyrics in hindi | greatbhajan                                           

shani dev aarti in hindi

              जय जय श्री शनि देव आरती लिरिक्स


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                     शनिवार के दिन शनि देव की आरती व सच्चे मन से पूजा करने से शनि देव अति प्रसन्न होते हैं। शनि देव कर्मो फलदाता हैं और कर्मों के हिसाब से ही व्यक्ति को फल देते हैं। शनि देव की पूजा आराधना करने से शनि देव भगवान् का आशीर्वाद मिलता है। विशेष रूप से शनिवार के दिन शनि देव की आरती, स्तुति करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Shani Dev Aarti: शनिवार को जरूर करें शनि देव की आरती

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जिन पर शनि प्रकोप न भी हो उनको भी शनिदेव की आरती करनी ही चाहिए। शनिदेव की पूजा करने को लेकर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग नियम कायदे बने हैं। पुरुषों को स्नान के बाद पूजा का अधिकार है जबकि महिलाओं को शनि भगवान के चतबूतरे पर जाने का अधिकार नहीं हे।

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अगर वह मंदिर में जा रही हैं तो उन्हें शनि देव की प्रतिमा को स्पर्श करना भी मना हे | अगर किसी व्यक्ति की राशि में शनि आ रहे, साढ़ेसाती हो या अढैया तब तो शनि की पूजा जरूर करनी चाहिए। शनि देव को तेल गुड़ और तिल का भोग लगाया जाता हे |
किसी भी शनिवार के दिन किसी भी श्री हनुमान जी के या श्री शनिदेव के मंदिर में जाकर सबसे पहले शनिदेव के मंत्रों में से किसी एक का जाप करें | इसके बाद सरसों के तेल में दिया जला कर शनिदेव की आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव की कुदृष्टी के प्रकोप से बचा जा सकता है और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है | 
शनिवार की शाम यह काम करते ही प्रसन्न हो जाते है | श्री शनिदेव करेंगे हर इच्छा पूरी एक बार जरूर सुने शनि देव आरती और ओरो को भी सुनाये तो प्रसन्न हो जाएंगे शनिदेव और हर इच्छा पूरी करेंगे | 
शनि देव का प्रकोप हो या न हो सभी को शनि देव की आरती सच्चे मन और श्रद्धा से करनी चाहिए | शनि देव की आरती विशेष रूप से शनिवार को की जाती हे| तो आइये हम और आप सब मिलकर भगवान् श्री शनि देव की आरती का गुणगान करते हे |

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आरती श्री शनिदेव की हिंदी में shani aarti lyrics in hindi

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


श्याम अंग वक्र-दृष्टि, चतुर्भुजा धारी | 

श्याम अंग वक्र-दृष्टि, चतुर्भुजा धारी | 

श्याम अंग वक्र-दृष्टि, चतुर्भुजा धारी | 

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निलाम्बर धार नाथ, गज की असवारी | 

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सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


क्रीट मुकुट शीश सहज, दीप्त है लिलारी | 

क्रीट मुकुट शीश सहज, दीप्त है लिलारी |

क्रीट मुकुट शीश सहज, दीप्त है लिलारी |

क्रीट मुकुट शीश सहज, दीप्त है लिलारी |

मुक्तन की माला, गले शोभित बलिहारी | 

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सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


शनि आरती : जय जय श्री शनिदेव

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मोदक और मिष्ठान पान , चढ़त हे सुपारी |

मोदक और मिष्ठान पान , चढ़त हे सुपारी |

मोदक और मिष्ठान पान , चढ़त हे सुपारी |

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लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी अति प्यारी | 

लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी अति प्यारी |

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी | 

देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी | 

देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी | 

देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी | 

विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हे तुम्हारी | 

विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हे तुम्हारी |

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |


जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी | 

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी |  

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी | 

सूरज के पुत्र, प्रभु छाया महतारी |

शनि देव महाराज की जय


आरती: श्री शनिदेव जी जय जय श्री शनिदेव भक्तन

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