Om jai Jaaharveera aarti lyrics in hindi | Gogaji ki Aarti lyrics in hindi | वीर गोगाजी का परिचय हिंदी में

Gogaji ki Aarti lyrics in hindi | Jaaharpeer ji ki aarti lyrics | वीर गोगाजी का परिचय हिंदी में


Gogaji ki Aarti

Om jai Jaaharveera aarti lyrics

नमस्कार साथियों आज हम आपके लिए ‘’ Gogaji ki Aarti lyrics in hindi ‘’ लेकर आये हे साथ जी राजस्थानी लोकदेवता श्री गोगाजी के बारे में कुछ बाते लेकर आये हे जिन्हें पढ़कर आपकी लोकदेवता गोगाजी के प्रति श्रद्धा बढ़ जाएगी जी हा सच में महान वीर योधा थे गोगाजी जिनको राजस्थान का हर प्राणी नमन करता हे | आप गोगाजी की आरती और इनके जीवन काल के बारे में पढ़े | यह आपको इनकी आरती लिरिक्स और इनका जीवन परिचय दिया जा रहा हे |

लोकदेवता वीर गोगाजी के बारे में प्रचलित हे –
‘’ गाव गाव में खेजड़ी , अर गाव गाव में गोगो ‘’

गोगाजी को सांपो का देवता कहा जाता हे | यदि किसी को सांप काट लेता हे तो लोगो का मानना हे की गोगाजी की पूजा करने से सांप के विष का असर उतारा जा सकता हे और हर गाव में गोगाजी का थान खेजड़ी के वृक्ष के निचे देखने को मिल जाता हे | चोहान वंश में जन्मे लोकदेवता गोगाजी चोहान का जन्म राजस्थान के चुरू जिले के ददरेवा गाव में विक्रम संवत 1003 में गुरु गोरखनाथ के वरदान से चोहान शासक जेवर सिंह की पत्नी बाछल के गर्भ से हुआ था |


बाछल दे गुरु गोरखनाथ की परम शिष्या थी तथा वे निसंतान थी तो वे गुरु गोरखनाथ जी के पास गयी और उन्हें अपनी समस्या बताई तब गुरूजी ने उन्हें एक फल दिया जिसे खाने पर उन्हें गोगाजी के रूप में पुत्र प्राप्ति हुई | गोगाजी गुरु गोरखनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक माने जाते थे तथा राजस्थान के छ सिद्ध में से गोगाजी प्रथम माने गए हे | चुरू के ददरेवा में गोगाजी की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल हे वहा पर इनके गुरु गोरखनाथ जी का आश्रम भी हे गोगादेव की घोड़े पर विराजमान मूर्ति भी हे |

गोगाजी के भक्त यह दर्शन के लिए आते हे | गोगाजी के प्रतिक के रूप में पत्थर पर सांप की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा की जाती हे | जनमानस का मानना हे की यदि किसी व्यक्ति को सांप काट ले तो उस व्यक्ति को गोगामेडी लाया जाये तो वह ठीक हो जाता हे | गोगाजी के जन्म स्थान को धुरमेडी कहा जाता हे |

गोगाजी को कई नामो से जाना जाता हे जेसे गोगाजी , गुग्गा वीर , जाहिर वीर जाहर पीर , राजा मांडलिक आदि नामो से गोगाजी को पूजा जाता हे | हिन्दू इन्हें गोगा वीर और मुस्लिम लोग इन्हें जाहर पीर के नाम से पुकार कर नमन करते हे और पूजा करते हे | गोगाजी का जन्म स्थान और समाधि स्थल दोनों ही सांप्रदायिक सद्भावना का अनूठा उदहारण हे जहा हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग साथ में माथा टेकने आते हे | यह एक हिन्दू और एक मुस्लिम पुजारी होते हे | गोगाजी के जीवन को वीरता पराक्रम उच्च जीवन आदर्श का प्रतिक माना गाया हे तथा उनका व्यक्तित्व लोगो के आकर्षण का केंद्र रहा हे |

ददरेवा में लोग धोक लगाने के अलावा यह अखाड़े के रूप में अपनी अपनी भाषा में गोगाजी की जीवनी के किस्से भी सुनाते हे |

गोगाजी की पत्नी का नाम केलम दे था उन्हें एक सर्प ने काट लिया था जिससे वेह मूर्छित हो गयी गोगाजी को जब इस बात का पता चला तब वे क्रोधित हो गए और अपने मंत्रो से सभी संपो को जलने लगे तब सांपो के रक्षक नाग ने आकर गोगाजी से माफ़ी मांगी और कहा की में केलम दे को जीवित कर दूंगा इस पर वेह सांप वापस केलामदे के पास गया और पूरा जहर चूस चूस कर वापस जीवित किया इसके साथ ही नाग ने गोगाजी को सांपो के देवता के रूप में पूज्य होने का वरदान भी दिया और वे सांपो के देवता के रूप में विख्यात हुए |

Gogaji ki Aarti

गोगाजी एक वीर योद्धा भी थे कहा जाता हे की इनके चचेरे भाई अर्जन और सर्जन भूमि बटवारे को लेकर विवाद कर इनके इलाके की समस्त गायो को घेरकर महमूद गजनवी को दे दी | तब गोगाजी ने आक्रमण करके और गजनवी से युद्ध करके गायो को छुड़ा लिया और इनके शोर्य को देखकर गजनवी ने कहा की ये तो साक्षात् जाहर पीर अर्थात जिन्दा पीर हे | लेकिन वापस अपने गाव आये तो अपने भाइयो अर्जुन सर्जुन से युद्ध करना पड़ा जिसमे ये वीर गति को प्राप्त हुए |

यहा कुछ इतिहासकारों का कहना हे की वीरगति के समय इनका शीश ददरेवा में गिरा तो उस स्थान को शीर्षमेडी कहा गया तथा जहा धड गिरा उस स्थान को धुरमेडी कहा गया | तथा कुछ का मानना ये हे की जब इन्होने दोनों भाइयो को मारा तब सारी बात इन्होने अपनी माँ को बताई जिससे माँ बहुत नाराज हुई और इन्हें घर से निकाल दिया और कभी मुह नही दिखने का वादा लिया | इस बात से गोगाजी बहुत दुखी हुवे और उन्होंने समाधी ले ली |

मारवाड़ में ये मान्यता हे की जब किसान खेत में हल जोतता हे तब वेह हल और हाळी दोनों के एक राखी बंधता हे जिसे गोअगा राखडी कहते हे जिसमे नो गांठ होती हे साथ ही रक्षा बंधन पर बंधी गयी राखी को गोगा नवमी के दिन उतारकर इनके घोड़े के पास रखते हे और इन्हें चूरमा का भोग लगाकर प्रसन्न किया जाता हे | इनकी घोड़ी का नाम नीली घोड़ी था जिसे गोगा बापा कहते हे |

गोगाजी को राजस्थान के अलावा पंजाब , उत्तरप्रदेश , हरयाणा , हिमाचल प्रदेश , मध्य प्रदेश में भी पूजा जाता हे | जो कोई भी इनको सच्ची श्रधा के साथ पूजता हे उसे अवश्य ही गोगाजी प्रसन्न होकर सुख शांति का वरदान देते हे | प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्ण नवमी को गोगाजी का मेला गोगामेडी हनुमानगढ़ में भरता हे जहा लाखो लोग इनके दर्शन करने आते हे |

राजस्थानी लोकदेवता | rajasthani bhajan lyrics | Veer Gogaji Aarti lyrics in hindi

गोगाजी के बारे में कुछ रोचक बाते –

गुजरात में रेबारी जाति के लोग इन्हें गोगा महाराज पुकारते हे |
गोगामेडी और शीशमेडी के अलावा गोगाजी का एक और मंदिर गोगा जी की ओल्डी सांचोर ( जालोर जिला ) में स्थित हे |
गोगामेडी में जो इनका स्थान हे उस पर ‘’ बिस्मिल्लाह ‘’ अंकित हे जो इनके मुस्लिम समुदाय में पूज्य होने का प्रतिक हे |
गावो में विवाह के बाद तोरण को महीने भर बाद गोगाजी के थान पर रखने की परंपरा हे |
सर्पदंश पर गोगाजी को पूजा जाता हे इनका भोपा विष उतारने में एक्सपर्ट होता हे |

गोगाजी के भजन भी बहुत प्रसिद्ध हे समय समय पर गोगाजी के भजन गाये जाते हे गोगाजी के भजन गाने के बाद गोगाजी की आरती गाई जाति हे जो हम आपके लिए लिरिक्स के रूप में यहा प्रस्तुत कर रहे हे | Gogaji ki Aarti lyrics गोगाजी की आरती में गोगाजी की महिमा का वर्णन किया गया हे जिससे भक्तो की श्रद्धा गोगाजी में और भी बढ़ जाति हे और गोगाजी की आरती में चार चाँद लग जाते हे | आपकी सुविधा के लिए आरती लिरिक्स अंग्रेजी में भी लिखे गये हे | आपको किसी भी प्रकार का सुझाव देना हो तो आप हमारी साईट https://greatbhajan.live पर कमेंट कर दे सकते हे और साथ ही हमारी साईट को फोलो भी करे धन्यवाद |

Gogaji ki Aarti

Gogaji ki Aarti lyrics in hindi | गोगाजी की आरती लिरिक्स हिंदी


ओम जय जाहरवीरा बाबा जय गोगा वीरा |
तुमसा वीर ना दूजा , तुमसा वीर ना दूजा |
तुम हो रणधीरा
ओम जय जाहरवीरा ||
ओम जय जाहरवीरा बाबा जय गोगा वीरा |
तुमसा वीर ना दूजा , तुमसा वीर ना दूजा |
तुम हो रणधीरा
ओम जय जाहरवीरा ||

Om jai Jaaharveera Baba jai Goga veera.
Tumsa veer na duja , tumsa veer na duja.
Tum ho Randheera.
Om jai Jaaharveera.
Om jai Jaaharveera Baba jai Goga veera.
Tumsa veer na duja , tumsa veer na duja.
Tum ho Randheera.
Om jai Jaaharveera.

जेवर पिता तुम्हारे , बाछल हे माता , बाबा बाछल हे माता |
दुखहर्ता सुखकर्ता , दुखहर्ता सुखकर्ता |
दीनों के दाता , ओम जय जाहरवीरा ||

Jevar pita tumhare , Bachhal he mata , baba Bachhal he mata.
Dukhharta sukhkarta , dukhharta sukhkarta.
Deeno ke daata , om jai Jaaharveera.

गुरु गोरख के प्यारे , गोगा बलकारी , बाबा गोगा बलकारी |
बागड़ जनम लियो हे बागड़ जनम लियो हे |
लीला सुखहारी , ओम जय जाहरवीरा ||

Guru Gorakh ke pyare , Goga balkaari , baba Goga balkaari.
Bagad janam liyo he , bagad janam liyo he.
Leela sukhhaari , Om jai Jaaharveera.

दुष्ट जनों को मारे , भक्तो को तारे , बाबा भक्तो को तारे |
सत्य धरम पर चलकर , सत्य धरम पर चलकर |
रण में नहीं हारे , ओम जय जाहरवीरा ||

Dusht jano ko maare , bhakto ko taare , baba bhakto ko taare.
Satya dharam par chalkar , satya dharam par chalkar.
Ran me nahi haare , Om jai jaaharveera.

वचन भंग ना किया हे , घर से आप चले , बाबा घर से आप चले |
माली करे तपस्या , माली करे तपस्या |
अचरज सभी करे , ओम जय जाहरवीरा ||

Vachan bhang na kiya he , ghar se aap chale , baba ghar se aap chale.
Mali kare tapasya , mali kare tapasya.
Achraj sabhi kare , Om jai jaaharveera.

विघ्न हरण तुम स्वामी , घर आनंद करे , बाबा घर आनंद करे |
निर्धन और बांझो की , निर्धन और बांझो की |
झोली तू ही भरे , ओम जय जाहरवीरा ||

Vighn haran tum swami , ghar anand kare , baba ghar anand kare.
Nirdhan or banjho ki , nirdhan or banjho ki.
Jholi tu hi bhare , Om jai jaaharveera.

भक्तो के हरे संकट , भुत पिशाच डरे , बाबा भुत पिशाच डरे |
प्रेम से जो तुम्हे पूजे , प्रेम से जो तुम्हे पूजे |
धन भण्डार भरे , ओम जय जाहरवीरा ||

Bhakto ke hare sankat , bhut pishach dare , baba bhut pishach dare.
Prem se jo tumhe puje , prem se jo tumhe puje.
Dhan bhandar bhare , Om jai jaaharveera.

भादो कृष्ण नमी को , मेला पार लगे , तेरा मेला पार लगे |
जो दर्शन को आवे , जो दर्शन को आवे |
उसके भाग्य जगे , ओम जय जाहरवीरा ||

Bhado krishn nami ko , mela paar lage , tera mela paar lage.
Jo darshan ko aave , jo darshan ko aave.
Uske bhagya jage , Om jai jaaharveera.

श्री जाहर जी की आरती , जो भी नित्य करे , बाबा जो भी नित्य करे
मन इच्छा फल पावे , मन इच्छा फल पावे
भय से ना वो डरे , ओम जय जाहरवीरा ||

Shri Jaahar ji ki aarti , jo bhi nitya kare , baba jo bhi nitya kare.
Man ichcha fal paave , man ichchha fal paave.
Bhay se na vo dare , Om jai jaaharveera.

ओम जय जाहरवीरा बाबा जय गोगा वीरा |
तुमसा वीर ना दूजा , तुमसा वीर ना दूजा |
तुम हो रणधीरा ,
ओम जय जाहरवीरा ||
ओम जय जाहरवीरा बाबा जय गोगा वीरा |
तुमसा वीर ना दूजा , तुमसा वीर ना दूजा |
तुम हो रणधीरा ,
ओम जय जाहरवीरा ||

Om jai Jaaharveera Baba jai Goga veera.
Tumsa veer na duja , tumsa veer na duja.
Tum ho Randheera.
Om jai Jaaharveera.
Om jai Jaaharveera Baba jai Goga veera.
Tumsa veer na duja , tumsa veer na duja.
Tum ho Randheera.
Om jai Jaaharveera.

जय श्री गोगाजी महाराज की जय , श्री गोगा वीरा की जय
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