Pabuji to aayo thare dvaar bhajan lyrics in hindi | पाबूजी आया देवल रे पावणा लिरिक्स | Rajasthani bhajan lyrics
Singer Name - सलीम शेखावास और शिल्पा बिदावत
नमस्कार साथियों आज हम आपके लिए राजस्थान के पांच पीरो में से एक पीर लोकदेवता श्री वीर पाबूजी राठोड़ के बारे में कुछ बाते लेकर आये हे जिन्हें पढ़कर आप वीर पाबूजी राठोड़ के बारे में जान सकेंगे | साथ ही इनके और देवल बाई चारण के बीच हुई वार्ता को भजन रूप में पिरोया गया हे जिसे भी आप पढ़े और सुने | तो पढ़ते हे श्री वीर पाबूजी राठोड़ के बारे में –
लोकदेवता पाबूजी राठोड़ का परिचय
पाबूजी राठोड़ को पांच पीरो में से एक माना जाता हे पांच पीरो में एक दोहा काफी प्रचलित हे जी निम्न प्रकार से हे –
पाबू , हडबू , रामदे , मंगलिया मेहा |
पांचो पीर पधारज्यो , गोगाजी जेहा ||
पाबूजी का नाम पश्चिमी राजस्थान के नायको में प्रथम रूप में लिया जाता हे | पाबूजी राठोड़ वंश के मूल पुरुष राव सीहा के वंशज हे जिनका जन्म 13 वी शताब्दी में जोधपुर जिले की फलोदी तहसील में कोलुमंद गाव में हुआ था | इनके पिता श्री धाँधल जी राठोड़ और इनकी माता का नाम कमलादे था | पाबूजी को लक्ष्मण का अवतार माना जाता हे |
पाबूजी राठोड़ का प्रतिक चिन्ह भाला हे और इनके इलाके ( उत्तरी और पश्चिमी राजस्थान ) में इनकी भाला लिए घोड़े पर सवार मूर्ति की पूजा की जाती हे | इसीलिए इन्हें पाबू भालालो भी कहा जाता हे | पाबूजी को ऊँटो का देवता कहा जाता हे क्युकी ऐसा माना जाता हे की राजस्थान में सबसे पहले पाबूजी ही ऊंट लेकर आये थे | ऊंट के बीमार होने पर पाबूजी की पूजा की जाति हे | पाबूजी की प्लेग रक्षक देवता के रूप में भी मान्यता हे |
विशेषकर रेबारी , मेहर मुस्लिम , भील , थोरी पाबूजी को अपना आराध्य देव मानते हे परन्तु सम्पूर्ण राजस्थान के लोग उनको पूजते हे | पाबूजी की याद में हर साल चेत्र अमावस्या को कोलूमंड ( फलोदी जोधपुर ) में विशाल मेला लगता हे जहा हजारो लोग आकर इनके दर्शन करते हे | यहाँ इनकी याद में पाबूजी की फड का वाचन नायक भोपे ( भील जाति ) करते हे | ये लोग हाथ में माठ वाध्य यन्त्र लेकर पाबूजी के पवाडे गाते हे |
पवाडे एक प्रकार से किसी लोकनायक की पद्यबध वीरगाथा होती हे | जिसको लयबद्ध रूप से गाना और उसे सुनना बहुत ही अच्छा लगता हे | पाबू प्रकाश नामक ग्रन्थ पाबूजी की जीवनी पर भान्दियावास जिला बाड़मेर निवासी आशिया मोडजी दवारा लिखा गया हे |
पाबूजी का विवाह अमरकोट वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित हे के सोढा शासक राजा सूरजमल की पुत्री सुप्यारदे के साथ तय हुआ था इसी के साथ ये कहा जाता हे की पाबूजी विवाह के समय फेरो के बीच से उठकर देवल बाई की गायो को जींद राव खिंची से छुड़ाने चले गए थे | देवल बाई की गायो की रक्षा एक घोड़ी , जिसका नाम केशर कालमी था , करती थी जिसे विवाह हेतु पाबूजी लेकर गए थे उस घोड़ी पर जींद राव की नजर थी तो वह गायो को लेकर चला गया |
देवल बाई के मिनती करने पर पाबूजी बीच फेरो से ही उठकर गायो को बचाने के लिए चले गए | जींद राव खिंची जो रिश्ते में पाबूजी का बहनोई लगता था और जायल रियासत का नरेश था | लेकिन किसी बात को लेकर पाबूजी और जींद राव के बीच मन मुटाव चल रहा था | गाये तो पाबूजी बचाकर लेकर आ गए परन्तु जींद राव ने धोखे से पाबूजी को मार दिया और वे वही पर वीर गति को प्राप्त हुवे | देवल बाई से किये गए वचन के कारण और गायो के रक्षक के रूप में पाबूजी लोकदेवता के रूप में अमर हो गए | चांदा डेमा और हरमल पाबूजी के परम सहयोगी थे | तो ये थी लोकदेवता वीर पाबूजी राठोड़ के जीवन की संक्षिप्त कहानी |
देवल बाई और पाबूजी के बीच के संवाद को हम नीचे प्रस्तुत कर रहे हे | जब पाबूजी का विवाह सुप्यारदे के साथ तय हुआ तब वे देवल बाई चारणी के पास विवाह के लिए घोड़ी लेने गए थे जिसका नाम केशर कालमि था वह घोड़ी बहुत ही सुन्दर थी और देवल बाई की गायो की रक्षा करती थी | देवल बाई कहती हे की इस घोड़ी पर पहले जी जींद राव खिंची की नजर पड़ी हुई हे और वो इसे लेकर जाने पर अडा हुआ हे | तो आप क्यों लड़ाई करवाने पर तुले हुवे हो | इस पर पाबूजी कहते हे की आप मुझे घोड़ी देदो में बहुत आस लेकर आया हु आप इंकार मत करना | तो देवल बाई कहती हे की ओ कोलुगढ़ के राजा आप मेरी बात सुन लो में आपको केशर घोड़ी नहीं दूंगी और ना ही इसके बदले कुछ लुंगी |
मेरी ये घोड़ी बहुत अनमोल हे | पाबूजी बहुत मिनती करते हे और हाथ जोड़ने लग जाते हे और कहते हे की में अब वापस नही जाऊ और केशर को लेकर जाऊंगा में इसकी हमेशा रक्षा करूँगा और हमेशा अपने पास रखूँगा इस पर देवल बाई कहती हे की केशर हमारी जान से भी महंगी हे ये आपको नहीं मिलने वाली आप मेरी बात मान जाओ | तो पाबूजी कहते हे की आप अपने मुह से इस घोड़ी का मोल मांग लो में इसके लिए कुछ भी मोल देने को तैयार हु अपनी जान भी दे दूंगा और अपने वचन की लाज रखूँगा आप बोलो |
इस पर देवल बाई कहती हे की जींद राव से इसका कोल किया हुआ हे अगर आप इसे लेकर चले गए तो जींद राव आकर रुधन मचाएगा तो फिर मेरी लाज कोण बचाएगा | पाबूजी कहते हे की हे देवल बाई में पाबू राठोड़ हु चाहे मेरी जान ही चली जावे आप पर आंच नहीं आएगी मेरा विश्वास कर लो और घोड़ी मुझे देदो |
इस पर देवल बाई पाबूजी का विश्वास कर लेती हे और केशर घोड़ी दे देती हे लेकिन एक वचन लेती हे की कब भी मुझे जरुरत पड़ेगी या मुझ पर कोई मुसीबत आएगी तब आपको तुरंत तैयार रहना पड़ेगा मुझे अभी कुछ नहीं चाहिए | तो वीर लोकदेवता पाबूजी राठोड़ देवल बाई को वचन देते हे की आपको जब भी मेरी जरुरत होगी में आपके सामने हाजिर रहूँगा चाहे में कही भी रहू |
आप तो मुझ तक समाचार पहुंचा देना और इसी वचन के चलते पाबूजी गायो को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुवे और राजस्थान के इतिहास में इनका नाम लोकदेवता की श्रेणी में अमर हो गया | ऐसे थे हमारे वीर पाबूजी राठोड़ जो विवाह के समय बीच फेरो से ही उठकर गायो की रक्षा करने चले गए |
तो अब हम इस वार्ता पर लिखित भजन / गीत को पढ़ते हे और सुनते हे ये भजन बहुत ही सुरीला और रोमांचक हे इस भजन को सलीम शेखावास और शिल्पा बिदावत ने मिलकर गाया हे इनकी आवाज बड़ी ही सुरीली हे और राजस्थान के प्रसिद्ध गायक कलाकार हे |
Rajasthani bhajan lyrics | greatbhajan lyrics | Lokdevta Pabuji rathod ka parichay | लोकदेवता पाबूजी राठोड़ का परिचय | सुनले सुनले तू म्हारी बात कोलुगढ़ राजा lyrics | Pabuji aaya Deval re paavana bhajan
आप ये भजन जरुर पढ़े और सुने तथा ये गीत आपको केसा लगा इस बारे में अपने विचार हमारी साईट https://www.greatbhajan.live पर जरुर कमेंट करे | धन्यवाद
Pabuji to aayo thare dvaar bhajan lyrics in hindi
पाबू तो आयो थारे द्वार ओ देवल बाई |
पाबू तो आयो थारे द्वार , द्वार रे |
सूती तू काई सुखवर , घोड़ी तू केशर देदे
करियो न बाई इनकार आयो में लेकर बाई आस , आस रे |
आयो में लेकर बाई आस , आयो में लेकर बाई आस |
सुनले सुनले तू म्हारी बात कोलुगढ़ राजा |
सुनले सुनले तू म्हारी बात बात रे |
केशर ना घोड़ी देऊ , बदला में कुछ ना देऊ |
केशर ना घोड़ी देऊ , बदला में कुछ ना देऊ |
केशर तो म्हारी अनमोल , नहीं हे इणरो कोई मोल |
नहीं हे इणरो कोई मोल |
घणी करू में मनवार ओ देवल बाई |
जोडू में जोडू थारा हाथ , हाथ रे |
वापस ना अब में जाऊ केशर ने लेकर जाऊ |
वापस ना अब में जाऊ केशर ने लेकर जाऊ |
करले तू म्हारो विश्वास , हरदम राखुला अपने पास , पास रे |
हरदम राखुला अपने पास |
सपना मत देखे तू तो राज कोलुगढ़ राजा |
सपना मत देखे तू तो राज राज रे |
केशर तो म्हारी प्यारी , जान हे या तो म्हारी |
मत ना बढ़ावे राजा राड |
महंगी पडेली केशर मान , मान रे |
महंगी पडेली केशर मान |
मांग ले मुख सु तो कोई मोल ओ देवल बाई |
मांग तू मुख सु कोई मोल मोल रे |
मांगे तो राज देदू बदला में जान देदु |
देऊ वचन थाने आज |
थारी राखुला देवल लाज , लाज रे |
थारी राखुला देवल लाज |
जींद रो अब सु कियो कोल कोलुगढ़ राजा |
जींद रो अब सु कियो कोल कोल रे |
केशर जो तू ले जावे आके वो रुधन माचवे |
केशर जो तू ले जावे आके वो रुधन माचवे |
घणु तो म्हारे हे जलाल कुण तो बचावे म्हारी लाज , लाज रे |
कुण तो बचावे म्हारी लाज |
में हु पाबू तो राठोड़ ओ देवल बाई |
में हु पाबू तो राठोड़ राठोड़ रे |
जान चाहे म्हारी जावे थापे ना आंच आवे |
जान चाहे म्हारी जावे थापे ना आंच आवे |
करले तू म्हारो एतवार |
लिखियो रेबारी राम अवतार गीत रे |
सलीम शिल्पा सु में गाई |
लेजा लेजा ओ केशर आज कोलुगढ़ राजा |
लेजा लेजा ओ केशर आज आज रे |
बदला में कुछ न लेउ काम पड़े जद आऊ |
बदला में कुछ न लेउ काम पड़े जद आऊ |
मिल्ज्यो हमेशा तैयार करता जाओ थे कोल करार , करार रे |
करता जाओ थे कोल करार |
Pabuji to aayo thare dvaar bhajan |
Pabuji to aayo thare dvaar bhajan lyrics in English
Pabu to aayo thare dvaar o Deval Bai
Pabu to aayo thare dvaar
Suti tu kaai sukhvar , ghodi tu Keshar dede
Kariyo naa bai inkaar aayo me lekar bai aas , aas re
Aayo me lekar bai aas , aayo me lekar bai aas
Sunle sunle tu mhari baat kolugadh raja
Sunle Sunle tu mhari baat baat re
Keshar na ghodi deu , badla me kuch na deu.
Keshar na ghodi deu , badla me kuch na deu.
Keshar to mhari anmol , nahi he inro koi mol
nahi he inro koi mol
Ghani karu me manvaar o Deval Bai.
Jodu me jodu thaara hath , hath re .
Vapas na ab me jau kesher ne lekar jau.
Vapas na ab me jau kesher ne lekar jau.
Karle tu mhaaro vishvas , hardam raakhula apne pas , pas re.
hardam raakhula apne pas.
Sapna mat dekhe tu to raj kolugadh raja.
Sapna mat dekhe tu to raj , raj re.
Keshar to mhaari pyari , jaan he ya to mhaari.
Mat na badhave raja raad.
Mehangi padeli Keshar maan , maan re.
Mehangi padeli Keshar maan.
Maang le mukh su to koi mol o Deval Bai.
Maang le mukh su koi mol mol re.
Maange to raaj dedu , badla me jaan dedu.
Deu vachan thaane aaj.
Thaari raakhula Deval laaj , laaj re.
Thaari raakhula Deval laaj.
Jind ro ab su kiyo kol kolugadh raja.
JInd ro ab su kiyo kol kol re.
Keshar jo tu le jaave aake vo rudhan machave.
Keshar jo tu le jaave aake vo rudhan machave.
Ghanu to mhaare he jalal , kun to bachave mhaari laaj , laaj re.
Kun to bachave mhaari laaj.
Me hu Pabu to rathod o Deval Bai.
Me hu Pabu to rathod , rathod re.
Jaan chahe mhaari jave , thaape naa aanch aave.
Jaan chahe mhaari jave , thaape naa aanch aave.
Karle tu mhaaro aitvaar.
Likhiyo Rebari Ram Avtar geet re.
Salim Shilpa su me gaai.
Leja leja o Keshar aaj kolugadh raja.
Leja leja o Keshar aaj , aaj re.
Badla me kuch naa leu , kaam pade jad aau.
Badla me kuch naa leu , kaam pade jad aau.
Miljyo hamesha taiyaar , karta jao the kol karaar , karaaar re.
karta jao the kol karaar
ये वार्ता हुई थी कोलुगढ़ के राजा पाबूजी राठोड़ और देवल बाई के बीच पहले तो देवल बाई घोड़ी देने से मना कर देती हे पर पाबूजी बहुत विनती करते हे तो अंत में देवल बाई एक वचन लेकर केशर घोड़ी पाबूजी राठोड़ को दे देती हे | और समय आने पर देवल बाई पाबूजी से उस वचन को निभाने के लिए भी कहती हे |
सलीम शेखावास और शिल्पा बिदावत द्वारा गाया गया ये भजन बहुत ही सुरीला और मधुर हे आप इसे जरुर पढ़े और सुने | साथ ही हमारी साईट हो फोलो करे | आपका दिन मंगलमय हो और पाबूजी महाराज आपकी मनोकामना पूर्ण करे | धन्यवाद
0 टिप्पणियाँ