Hari Anant Hari Katha Ananta Shri Ram Katha Lyrics | श्री राम कथा हिंदी
Song Credit -
Song - Hari Anant Hari Katha Ananta
Singer - Ravindra Jain
Writer - Ravindra Jain
Music - Ravindra Jain
Song Duration - 07:12 mins
Category - Shri Ram Bhajan
नमस्कार साथियो जय श्री राम | आज हम आपके लिए भजन की कड़ी में प्रभु श्री राम कथा भजन के रूप में लेकर आये हे | इस करुणामयी भजन को प्रसिद्ध गीतकार रविंद्र जी जैन ने गाया हे | ये भजन उस दृश्य का हे जब हनुमान जी सागर पार करके सीता मैया का पता लगाने गए थे और वे सीता माता के पास जाते हे तो सीता माता को यकीन दिलाने के लिए वे श्री राम कथा को संक्षिप्त में सुनते हे |
इस भजन में प्रभु श्री राम के जन्म से लेकर सीता स्वयंवर , सियाराम वनवास , लंका में रावण से युद्ध आदि वृतांत सुनाये गए हे जिसे हरी अनंत हरी कथा अनंता नाम दिया गया हे | इसके लिरिक्स निचे दिए गए हे आप उन्हें पढ़कर गाकर और सुनकर प्रभु की भक्ति कर सकते हे तथा उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हे | धन्यवाद जय श्री राम |
Hari Anant Hari Katha Ananta Lyrics | श्री राम कथा | Ram Bhajan
ध्यान लगाकर सुनो सुनो हे सीता जनक सुजाता |
हरी अनंत हरी कथा अनंता में संक्षिप्त सुनाता |
कथा ये जग कल्याणी हे कथा ये जग कल्याणी हे |
नायक राजा श्री राम नायिका सीता रानी हे |
प्राण प्रिय दोनों मेरे हे प्राण प्रिय दोनों मेरे हे |
दुःख संकट हरने वालो को अभी संकट घेरे हे |
दुःख संकट हरने वालो को अभी संकट घेरे हे |
श्री राम अयोध्या प्रगटे मिथिला में प्रगटि देवी सिया |
सीता की भगिनिया तीन राम ने तीन भ्रात संग जनम लिया |
आये प्रभु सिया स्वयंवर में और शिव के धनुष को तोड़ दिया |
दशरथ नंदन ने जनक नंदिनी का शुभ पाणिग्रहण किया |
लक्ष्मी नारायण का जोड़ा सीता राम कहाता |
लक्ष्मी नारायण का जोड़ा सीता राम कहाता |
हरी अनंत हरी कथा अनंता में संक्षिप्त सुनाता |
हर्ष से भरी राजधानी हर्ष से भरी राजधानी |
की तीन तीन सासो ने चार वधुओ की अगवानी |
रंग भरे दिन हे सुखदायी प्रेम भरे दिन हे सुखदायी |
उत्सव का वातावरण मांगलिक बाजे शहनाई |
उत्सव का वातावरण मांगलिक बाजे शहनाई |
सुख के रंग फीके पड़े विधिना हो गयी वाम |
सुख के रंग फीके पड़े विधिना हो गयी वाम |
बहुत दिनों आनंद से रह ना सके सियाराम |
राम जो सबका प्यारा केकैयी को सबसे प्यारा |
वनवास दिलाया उसे पिता श्री दशरथ के द्वारा |
वनवास दिलाया उसे पिता श्री दशरथ के द्वारा |
पिता थे वचन निभाने को पिता थे वचन निभाने को |
चले राम लखन सिया संग विपिन में कष्ट उठाने को |
भगवान भगवती चले विपिन में कष्ट उठाने को |
प्रभु चित्रकूट में वास किया तदनन्तर पहुंचे पंचवटी |
यहाँ शूर्पणखा मदमाती की लक्ष्मण के हाथो नाक कटी |
छल से सीता का करके हरण लंका लाया रावण कपटी |
देखोगी शीघ्र तुम रावण नमक आपदा हटी |
दैत्य दमन को राघव का अवतार हुआ हे माता |
खल खंडन को राघव का अवतार हुआ हे माता |
हरी अनंत हरी कथा अनंता में संक्षिप्त सुनाता |
मुद्रिका राम जी ने भेजी लो मैया पहचानो |
मुद्रिका भेद ये कहती हे मुद्रिका भेद ये कहती हे |
रघुवर के ह्रदय में सिया प्रेम की गंगा बहती हे |
रघुवर के ह्रदय में सिया प्रेम की गंगा बहती हे |
आया हु में छोड़ कर सेना सागर तीर |
आया हु में छोड़ कर सेना सागर तीर |
शीघ्र यहाँ दल बल सहित आएंगे रघुबीर |
बोझ धरती का हटाएंगे त्रास देवो का मिटायेंगे |
कर रावण का वध तुम्हे संग प्रभु लेकर जायेंगे |
रावण को देकर मुक्ति मुक्त प्रभु तुम्हे कराएँगे |
ह्रदय में धीर धरो मैया ह्रदय में धीर धरो मैया |
रघुवर प्रभुजी के सेवक पर विश्वास करो मैया |
श्री राम और हनुमान पे तुम विश्वास करो मैया |
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