Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics | Shri Ram Bhajan
Song - Pata Nahi Kis Rup Me Aakar
Singer - Prem Bhushan Ji Maharaj
Lyrics - Traditional
Album - Ram Setu
Ram Darshan
Song Duration - 06:01 mins
Category - Ram Bhajan
Ram Bhajan Lyrics | Ram Bhajan mp3
भगवान हमें कब किस रूप में आकर दर्शन दे जाये किसी को भी पता नहीं होता हे | भगवान जिस भक्त पे भी कृपा करते हे उसे किसी न किसी रूप में दर्शन दे ही जाते हे | इसी तर्ज पर इस भजन "निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा bhajan" का निर्माण किया गया हे |
इस भजन “पता नहीं किस रूप में आकर bhajan lyrics” के लिरिक्स यहाँ निचे दिए गए हे | धन्यवाद |
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Bhajan Lyrics in Hindi | Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Bhajan Lyrics in English
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics |
सांस रुकी तेरे दर्शन को ना दुनिया मे मेरा लगता मन |
Saans ruki tere darshan ko na duniya me mera lagta man.
शबरी बनके बैठा हूं मेरा श्री राम मे अटका मन |
Shabari bananke betha hu mera Shri Ram me atka man.
बेकरार मेरे दिल को मैं कितना भी समझा लूं |
Bekarar mere dil ko me kitna bhi samjha lu.
राम दरस के बाद दिल छोड़ेगा ये धड़कन |
Ram daras ke baad dil chhodega ye dhadkan.
काले युग का प्राणी हूं पर जीता हूं मैं त्रेता युग |
Kale yug ka prani hu par jeeta hu me treta yug.
करता हु महसुस पलों को माना ना वो देखा युग |
Karta hu mehsus palo ko mana na vo dekha yug.
देगा युग कलि का ये पापो के उपहार कई |
Dega yug kali ka ye paapo ke uphaar kai.
छंद मेरा पर गाने का हर प्राण को देगा सुख |
Chhand mera par gaane ka harp ran ko dega sukh.
हरि कथा का वक्ता हूं मै राम भजन की आदत |
Kari katha ka vakta hu me Ram bhajan ki aadat.
राम आभारी शायर मिल जो रही है दावत |
Ram aabhari shayar mil jo rahi he daavat.
हरि कथा सुना के मैं छोड़ तुम्हें कल जाउंगा |
Hari katha suna ke me chhod tumhe kal jaunga.
बाद मेरे न गिरने न देना हरि कथा विरासत |
Baad mere na girne na dena Hari katha virasat.
पाने को दीदार प्रभु के नैन बड़े ये तरसे है |
Paane ko deedar prabhu ke nain bade ye tarse he.
जान सके ना कोई वेदना रातों को ये बरसे है |
Jaan sake na koi vedna raato ko ye barse he.
किसे पता किस मौके पे किस भूमि पे किस कोने में |
Kise pata kis mauke pe kis bhumi pe kis kone me.
मेले में या वीराने में श्री हरि हमें दर्शन दे |
Mele me ya veerane me shri Hari hame darshan de.
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
Pata nahi kis rup me aakar. -4
इंतजार में बैठा हूं कब बीतेगा ये काला युग |
Intjar me betha hu kab bitega ye kala yug.
बीतेगी ये पीडा और भारी दिल के सारे दुख |
Bitegi ye peeda aur bhaari dil ke saare dukh.
मिलने को हूं बेक़रार पर पाप का मैं भागी भी |
Milne ko hu bekarar par paap ka me bhaagi bhi.
नजरे मेरी आगे तेरे श्री हरि जाएगी झुक |
Najare meri aage tere shri Hari jayegi jhuk
राम नाम से जुड़े हैं ऐसे खुद से भी ना मिल पाए |
Ram naam se jude he aise khud se bhi na mil paye.
कोई ना जाने किस चेहरे में राम हमें कल मिल जाए |
Koi na jaane kis chehare me Ram hame kal mil jaye.
वैसे तो मेरे दिल में हो पर आंखें प्यासी दर्शन की |
Vese to mere dil me ho par aankhe pyasi darshan ki.
शाम, सवेरे सारे मौसम राम गीत ही दिल गाये |
Sham savere saare mosam Ram geet hi dil gaaye.
रघुवीर ये विनती है तुम दूर करो अंधेरों को |
Raghuveer ye vinati he tum dur karo andhero ko.
दूर करो परेशानी के सारे भुखे शेरों को |
Dur karo pareshaani ke saare bhukhe shero ko.
शबरी बनके बैठा पर काले युग का प्राणी हूं |
Shabari banake betha par kale yug ka prani hu.
मैं झूठा भी ना कर पाउँगा पापी मुह से बेरो को |
Me jhutha bhi na kar paunga paapi muh se bero ko.
बन चुका बैरागी दिल नाम तेरा ही लेता है |
Ban chukka beragi dil naam tera hi leta he.
शायर अपनी सांसें ये राम सिया को देता है |
Shayar apni saanse ye Ram Siya ko deta he.
और नहीं इच्छा है अब जीने की मेरी राम यहां |
Aur nahi ichcha he ab jeene ki meri Ram yaha.
बाद मुझे मेरी मौत के बस ले जाना तुम त्रेता में |
Baad mujhe meri maut ke bas le jana tum treta me.
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |
Pata nahi kis rup me aakar Narayan mil jayega.
निर्मल मन के दर्पण मे वह राम के दर्शन पाएगा |
Nirmal man ke darpan me veh Ram ke darshan payega.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
बन चुका बैरागी दिल नाम तेरा ही लेता है |
Ban chukka beragi dil naam tera hi leta he.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
शायर अपनी सांसें ये राम सिया को देता है |
Shayar apni saanse ye Ram Siya ko deta he.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
और नहीं इच्छा है अब जीने की मेरी राम यहां |
Aur nahi ichcha he ab jeene ki meri Ram yaha.
पता नहीं किस रूप में आकर............ |
Pata nahi kis rup me aakar…………..
बाद मुझे मेरी मौत के बस ले जाना तुम त्रेता में |
Baad mujhe meri maut ke bas le jana tum treta me.
Pata nahi kis rup me aakar…………..
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