कृष्ण भजन | हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में | Hari Bhajan | तुलसी माता भजन

कृष्ण भजन | हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में | Hari Bhajan | तुलसी माता भजन


कार्तिक स्पेशल लिरिक्स भजन दिन कार्तिक के तुलसा तेरे लिए आये है एकबार इस भजन को जरूर सुनें | हिन्दू धर्म के पवित्र महीनों में शामिल कार्तिक का महिना शुरू हो गया है। सोमवार से शुरू हुए इस माह के भगवान की भक्ति के लिए विशेष भजन होने चाहिए | 

इसी कड़ी में आपके लिए कार्तिक मास भजन " कार्तिक मास भजन | हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में | Hari Bhajan | Kartik Maas Bhajan " के लिरिक्स लेकर आये हे | इन भजनो से भक्ति को शक्ति मिलती हे | तो आइये हम भी मिलकर भक्ति का लाभ ले |


कृष्ण भजन | हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में
हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में

Hari Aise Baso Mere Man Me mp3 Song
Song Name - Hari Aise Baso Mere Man Me
Singer - Sheela Kalson
Lyrics - Traditional
Music - Kuldeep Mali and Sachin Kamal
Label - Geet Mithas
Copyrights - Fine Digital Media
Song Duration - 06:26 mins
Category - 

Kartik Maas Bhajan | Hari Bhajan


हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में लिरिक्स हिंदी | Hari Aise Baso Mere Man Mein Lyrics Hindi


हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
जैसे तुलसी बसी आँगन में |

जैसे फूलो में खुशबु हे रहती
जैसे फूलो में खुशबु हे रहती
वो हमको नजर नहीं आती
वो हमको नजर नहीं आती
ऐसी खुशबु फैला दो मेरे मन में
कोई देखे ना तुमको हम में
ऐसी खुशबु फैला दो मेरे मन में
कोई देखे ना तुमको हम में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
जैसे तुलसी बसी आँगन में |

जैसे मेहंदी में रंग हे रहता
जैसे मेहंदी में रंग हे रहता
वो किसी को नजर नहीं आता
वो किसी को नजर नहीं आता
ऐसा रंग तो रंगा दो मेरे मन में
कोई देखे ना तुमको हम में
ऐसा रंग तो रंगा दो मेरे मन में
कोई देखे ना तुमको हम में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
जैसे तुलसी बसी आँगन में |

जैसे मिश्री में मीठा हे रहता
जैसे मिश्री में मीठा हे रहता
वो किसी को नजर नहीं आता
वो किसी को नजर नहीं आता
ऐसा मीठा बना दो मेरे मन को
कोई देखे न तुमको हम में
ऐसा मीठा बना दो मेरे मन को
कोई देखे न तुमको हम में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
जैसे तुलसी बसी आँगन में |

जैसे सागर में पानी हे गहरा
जैसे सागर में पानी हे गहरा
वो किसी को नजर नहीं आता
वो किसी को नजर नहीं आता
ऐसा गहरा बना दो मेरे मन को
कोई देखे न तुमको हम में
ऐसा गहरा बना दो मेरे मन को
कोई देखे न तुमको हम में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
हरी ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आँगन में
जैसे तुलसी बसी आँगन में |

कृष्ण भजन | हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में
हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसें आंगन में

आपने कार्तिक मास का पावन गीत " Hari Aise Baso Mere Man Me Bhajan Lyrics " को सुना | आशा हे आपको ये भजन पसंद आया हे | इस भजन में ये बताया गया हे की जैसे सागर में पानी गहरा होता हे , मिश्री मीठी होती हे , मेहंदी में रंग छुपा होता हे , फूलो में खुशबु छुपी होती हे परन्तु ये सब किसी को दिखाई नहीं देती हे उसी तरह आप मेरे मन में समा जाइये और किसी को भी दिखाई मत दीजिये | 

में भी आपकी भक्ति में खो जाऊ ऐसा मुझे वरदान दीजिये | अगर आपको यह भजन " Hari Aise Baso Mere Man Mein Lyrics " पसंद आया है तो कृपया इस भजन को शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करे | पोस्ट से सम्बंधित आप अपने सुझाव या प्रश्न हमें हमारी साइट www.greatbhajan.live पर दे सकते हे | 

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